आज के समय में बिजली का संकट और महंगे बिल हर किसी की परेशानी बन चुका है। ऐसे में लोग सोलर सिस्टम की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन अगर आप सोलर सिस्टम लगवा रहे हैं या लगाने की सोच रहे हैं, तो सिर्फ पैनल और बैटरी ही नहीं, सोलर इनवर्टर का सही चुनाव करना भी उतना ही ज़रूरी है।
सोलर इनवर्टर पूरे सिस्टम का दिमाग होता है वही पैनल से मिली DC पावर को आपके घर के उपकरणों के लिए AC में बदलता है। अगर इनवर्टर अच्छा नहीं हुआ, तो न तो सिस्टम ठीक से काम करेगा और न ही आपकी इनवेस्टमेंट की पूरी वैल्यू मिलेगी।
इसलिए आज मैं आपके साथ शेयर कर रहा हूँ सोलर इनवर्टर खरीदते समय ध्यान रखने योग्य 5 सबसे ज़रूरी बातें, ताकि आप सही इनवर्टर खरीदें और आने वाले सालों तक बिना किसी झंझट के सोलर एनर्जी का फायदा ले सकें।
सोलर इन्वर्टर का प्रकार समझें
सोलर इनवर्टर दो प्रकार के होते हैं – PWM (Pulse Width Modulation) और MPPT (Maximum Power Point Tracking) .
PWM इनवर्टर सस्ता होता है, लेकिन केवल तब सही है जब आपके पैनल और बैटरी का वोल्टेज एक जैसा हो। इसका एफिशियंसी 70-80% तक होती है।
MPPT इनवर्टर थोड़ा महंगा होता है, लेकिन ज्यादा स्मार्ट है। यह पैनल से अधिकतम पॉवर देकर बैटरी को चार्ज करता है। इसका एफिशियंसी 95% तक होती है।
इन्वर्टर की कैपेसिटी
कई लोग सस्ता पड़ने के चक्कर में छोटे साइज का इनवर्टर ले लेते हैं और बाद में जब लोड बढ़ता है तो इनवर्टर ओवरलोड हो जाता है। इनवर्टर की कैपेसिटी हमेशा आपके लोड से थोड़ी ज़्यादा होनी चाहिए ताकि भविष्य में और लोड जोड़ने की जगह बनी रहे।
इन्वर्टर का बैटरी सपोर्ट
हर इनवर्टर किसी खास वोल्टेज रेंज पर काम करता है – जैसे 12V, 24V या 48V।
अगर आपको लंबे समय का बैकअप चाहिए और आप दिन में ज्यादा बिजली खर्च करते हैं, तो 24V या 48V इनवर्टर ही चुनें। इससे बैटरी पर लोड कम पड़ेगा और बैकअप लंबा मिलेगा।
ब्रांड और वारंटी
बहुत से लोकल इनवर्टर सस्ते मिल जाते हैं, लेकिन ना तो उनकी परफॉर्मेंस भरोसेमंद होती है और ना ही सर्विस। हमेशा ब्रांडेड सोलर इन्वर्टर ही चुने साथ ही, कम से कम 2–5 साल की वारंटी ज़रूर होनी चाहिए ताकि कोई खराबी आने पर मुफ्त में सर्विस मिल सके।
सोलर चार्ज कंट्रोलर
कुछ सोलर इनवर्टर में इनबिल्ट सोलर चार्ज कंट्रोलर होता है, जो पैनल से बैटरी चार्ज करने में मदद करता है। लेकिन कई सस्ते इनवर्टर में ये कंट्रोलर नहीं होता, और आपको अलग से खरीदना पड़ता है। इससे खर्च बढ़ता है वायरिंग कॉम्प्लिकेट हो जाती है और सिस्टम में फाल्ट आने का रिस्क रहता है, इसलिए ऐसा इनवर्टर लें जिसमें इनबिल्ट MPPT/PWM चार्ज कंट्रोलर हो।
निष्कर्ष
सोलर पैनल और बैटरी जितने ज़रूरी हैं, उतना ही ज़रूरी है सही इनवर्टर चुनना। गलत इनवर्टर से आपका पूरा सिस्टम धीमा हो सकता है, बैटरी जल्दी खराब हो सकती है और पावर कट के समय भी बैकअप नहीं मिलेगा।
अगर आप ऊपर दिए गए इन 5 बातों का ध्यान रखे, तो आपका सोलर इनवर्टर सालों तक बिना रुके काम करेगा
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