बिजली की कटौती आज भी भारत के कई इलाकों में एक बड़ी समस्या बनी हुई है। ऐसे में इन्वर्टर एक ज़रूरी डिवाइस बन चुका है, लेकिन अब बाजार में नार्मल इन्वर्टर और सोलर इन्वर्टर आ गए हैं, तो लोग कन्फ्यूज हो जाते हैं कि सोलर इन्वर्टर लें या नॉर्मल इन्वर्टर? दोनों के बीच क्या फर्क है और आपके घर के लिए कौन सा बेहतर रहेगा? इस आर्टिकल में हम इन दोनों इन्वर्टर की तुलना करेंगे और आपको एक स्पष्ट फैसला लेने में मदद करेंगे।
नॉर्मल इन्वर्टर क्या होता है?
नॉर्मल इन्वर्टर वह होता है जो बिजली कटने पर बैटरी में जमा की गई बिजली को आपके घर के उपकरणों को चलाने के लिए उपयोग करता है। इसे चार्ज करने के लिए केवल ग्रिड (बिजली कंपनी) की सप्लाई का सहारा लिया जाता है।
मुख्य बातें-
नॉर्मल इन्वर्टर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह केवल ग्रिड यानी बिजली कंपनी की सप्लाई से ही चार्ज होता है। इसमें सोलर एनर्जी का कोई उपयोग नहीं होता, इसलिए इसका बिजली बिल पर कोई असर नहीं पड़ता। इसकी इंस्टॉलेशन प्रक्रिया बेहद आसान होती है और इसे कम समय में सेटअप किया जा सकता है। इसके अलावा, इसकी शुरुआती लागत भी कम होती है, इसलिए अगर आपका बजट सीमित है और आपको केवल बैकअप के लिए इन्वर्टर चाहिए, तो यह एक किफायती विकल्प साबित हो सकता है।
सोलर इन्वर्टर क्या होता है?
सोलर इन्वर्टर, नॉर्मल इन्वर्टर की तुलना में ज्यादा एडवांस होता है। यह सोलर पैनलों से आने वाली DC बिजली को AC में बदलता है ताकि आपके घर के उपकरण सोलर एनर्जी से चल सकें।
मुख्य बातें-
सोलर इन्वर्टर की सबसे खास बात यह है कि यह ग्रिड के साथ-साथ सोलर पैनल से भी चार्ज हो सकता है, जिससे आपकी बैटरी दो स्रोतों से ऊर्जा प्राप्त करती है। यह सोलर एनर्जी का उपयोग करके आपकी रोज़ाना की बिजली खपत को कम करता है, जिससे बिजली बिल में सीधी कटौती होती है। साथ ही, यह ग्रीन एनर्जी पर आधारित होने के कारण पर्यावरण के लिए भी एक बेहतरीन विकल्प है। हालांकि इसकी शुरुआती लागत नॉर्मल इन्वर्टर की तुलना में थोड़ी ज्यादा होती है, लेकिन लॉन्ग टर्म में यह न केवल खर्च की भरपाई कर देता है, बल्कि आपको लगातार बचत भी देता है।
कौन-सा इन्वर्टर आपके लिए सही है?
आपके लिए कौन सा इन्वर्टर सही रहेगा यह पूरी तरह आपके उपयोग और जरूरत पर निर्भर करता है।
- अगर आप गांव में रहते हैं या बिजली अक्सर जाती है तो सोलर इन्वर्टर एक शानदार विकल्प हो सकता है। दिन में सोलर पैनल से बैटरी चार्ज होगी और रात में बैकअप मिलेगा।
- अगर बिजली कटौती कम होती है, लेकिन बिल ज्यादा आता है तब भी सोलर इन्वर्टर मदद करेगा क्योंकि वह आपकी डेली बिजली खपत को सोलर से पूरा कर सकता है, जिससे बिल कम होगा।
- अगर आपका बजट सीमित है और सिर्फ बैकअप चाहिए तो नॉर्मल इन्वर्टर एक सस्ता और सिंपल विकल्प रहेगा।
निष्कर्ष
अगर आप सिर्फ एक छोटा बैकअप चाहते हैं और सोलर पैनल लगाने का बजट नहीं है, तो नॉर्मल इन्वर्टर आपके लिए ठीक रहेगा। लेकिन अगर आप चाहते हैं कि बिजली का बिल भी बचे, ग्रिड पर कम निर्भरता हो और ग्रीन एनर्जी का इस्तेमाल हो तो सोलर इन्वर्टर आपके घर के लिए बेस्ट चॉइस है।
अगर आप भविष्य में सोलर पैनल लगवाने की सोच रहे हैं, तो अभी से सोलर इन्वर्टर लेना समझदारी होगी, ताकि बाद में उसे बदलना न पड़े।