MPPT vs PWM चार्ज कंट्रोलर – जानिए कौन देता है ज्यादा बिजली और बचत!

जब भी कोई व्यक्ति सोलर सिस्टम लगवाने का सोचता है, तो पैनल और बैटरी के साथ एक और जरूरी डिवाइस होता है – सोलर चार्ज कंट्रोलर। लेकिन मार्केट में दो तरह के चार्ज कंट्रोलर मिलते हैं  MPPT (Maximum Power Point Tracking) और PWM (Pulse Width Modulation)।
अब सवाल उठता है कि इन दोनों में से कौन-सा ज्यादा बेहतर है? कौन ज्यादा बिजली बनाता है और किसमें लंबी अवधि में बचत ज्यादा होती है? आज के इस आर्टिकल में जानते हैं MPPT और PWM में असली फर्क क्या है और आपके लिए कौन-सा सही रहेगा।

चार्जिंग तकनीक में बड़ा फर्क

PWM चार्ज कंट्रोलर एक बेसिक तकनीक पर काम करता है। यह सोलर पैनल से आने वाले वोल्टेज को सीधे बैटरी के लेवल पर घटा देता है। इसमें पैनल की पूरी पावर का इस्तेमाल नहीं हो पाता।
वहीं MPPT चार्ज कंट्रोलर एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करता है। यह सोलर पैनल से मिलने वाली पावर का Maximum Power Point निकालता है और बैटरी को उसी के अनुसार स्मार्ट तरीके से चार्ज करता है। इससे ज्यादा पावर खपत होती है और बिजली की बर्बादी नहीं होती।

बिजली उत्पादन में अंतर

MPPT कंट्रोलर, PWM की तुलना में 15% से 30% तक ज्यादा बिजली दे सकता है, खासकर तब जब सूरज की रोशनी कम हो, मौसम बादली हो और ठंडा वातावरण हो इसका मतलब यह है कि अगर आपके इलाके में सूर्य की रोशनी नियमित नहीं रहती, तो MPPT आपके लिए बेस्ट रहेगा।

बिजली बिल में किससे होगी बचत?

MPPT कंट्रोलर पैनल की अधिकतम क्षमता का उपयोग करता है, जिससे आपका लोड ज्यादा समय तक सोलर एनर्जी से चलता है और ग्रिड बिजली की जरूरत कम पड़ती है। इससे आपके बिजली बिल में सीधी बचत होती है। दूसरी ओर, PWM कंट्रोलर में बिजली की थोड़ी बर्बादी होती है, जिससे आपको अधिकतर समय बैकअप के लिए ग्रिड बिजली लेनी पड़ सकती है।

कीमत और लागत का फर्क

PWM चार्ज कंट्रोलर की कीमत कम होती है और यह छोटे सोलर सिस्टम 12V या 24V के लिए बेहतर होता है। MPPT कंट्रोलर महंगा होता है, लेकिन यह बड़ी सिस्टम्स और grid-tied या hybrid सोलर सिस्टम के लिए ज्यादा कारगर होता है। अगर आप शुरुआत में कम खर्च चाहते हैं, तो PWM सही है। लेकिन अगर आप भविष्य की सोच रहे हैं और बिजली की ज़्यादा बचत चाहते हैं, तो MPPT ही सही विकल्प है।

खराब मौसम में परफॉर्मेंस

MPPT कंट्रोलर बदलते मौसम में भी स्टेबल आउटपुट देता है। जैसे – जब सूरज छुप जाता है या मौसम ठंडा होता है, तब भी यह अधिकतम पावर देने सक्षम है। PWM कंट्रोलर ऐसे समय में उतनी अच्छी परफॉर्मेंस नहीं देता और आउटपुट गिर जाता है।

निष्कर्ष

अगर आपका बजट सीमित है और छोटा सोलर सिस्टम लगवा रहे हैं, तो PWM कंट्रोलर एक किफायती विकल्प है। लेकिन अगर आप ज्यादा बिजली चाहते हैं, बिजली बिल में ज़्यादा बचत चाहते हैं और लंबे समय तक चलने वाला समाधान ढूंढ रहे हैं, तो MPPT चार्ज कंट्रोलर ही आपके लिए बेस्ट रहेगा।
अगर आप अपने घर के लिए सही सोलर कंट्रोलर चुनना चाहते हैं, तो जल्दबाज़ी न करें। ऊपर दिए गए पॉइंट्स को ध्यान में रखकर सोच-समझकर फैसला लें, ताकि आपको लंबे समय तक फायदा हो।

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