आज के समय में सोलर पैनल न सिर्फ बिजली बचाने का ज़रिया बन चुका है, बल्कि ये पर्यावरण को बचाने का भी एक अहम हथियार है, लेकिन एक सवाल जो हर इंसान के मन में आता है – क्या सोलर पैनल बादलों और बारिश में भी काम करता है?
क्योंकि जब आसमान में बादल छाए हों या बारिश हो रही हो, तब सूरज की रोशनी कम हो जाती है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि क्या आपका सोलर सिस्टम इन हालात में बिजली बना पाएगा या नहीं। आइए जानें इस सवाल के पीछे की पूरी सच्चाई।
बादलों में सोलर पैनल कैसे काम करता है?
सोलर पैनल सीधी सूरज की रोशनी को पकड़कर बिजली में बदलता है, लेकिन जब बादल होते हैं, तब भी सूरज की रोशनी पूरी तरह गायब नहीं होती। उस स्थिति में Diffuse Sunlight यानी बिखरी हुई रोशनी ज़रूर रहती है, जिससे सोलर पैनल थोड़ी कम मात्रा में लेकिन बिजली बनाना जारी रखते हैं।
बादल छाए मौसम में सोलर पैनल सामान्य से 10% से 25% तक उत्पादन कर सकते हैं, जो इस बात पर निर्भर करता है कि बादल कितने घने हैं और कितनी देर तक रहते हैं।
बारिश में क्या सोलर पैनल काम करता है?
बारिश के दौरान भी सूरज की रोशनी कम होती है, लेकिन पूरी तरह बंद नहीं। ऐसे में सोलर पैनल बहुत कम मात्रा में बिजली पैदा करते हैं, लेकिन उनका सबसे बड़ा फायदा यह है कि बारिश पैनलों की सफाई का काम करती है।
जब पैनलों पर जमी धूल और मिट्टी बह जाती है, तो अगली धूप में वे और बेहतर प्रदर्शन करते हैं। यानि बारिश से थोड़े समय के लिए आउटपुट कम हो सकता है, लेकिन लॉन्ग टर्म में परफॉर्मेंस बढ़ जाती है।
कुछ आंकड़े
साफ़ मौसम में 1KW सोलर सिस्टम औसतन 4 से 5 यूनिट/दिन बिजली बनाता है लेकिन बादलों वाले दिन यह गिरकर 1 से 2 यूनिट तक आ सकता है और तेज़ बारिश और यह 0.5 से 1 यूनिट के बीच रह सकता है।
लेकिन सोलर पैनल बिजली बनाना पूरी तरह से बंद नहीं करता है, सोलर पैनल कुछ न कुछ उत्पादन जरूर करते हैं।
निष्कर्ष
हां, सोलर पैनल बादलों और बारिश में भी काम करते हैं, लेकिन उनकी परफॉर्मेंस थोड़ी कम हो जाती है। हालांकि, बारिश से पैनल साफ होते हैं और लंबे समय में ये फायदेमंद होता है।
अगर आप हाइब्रिड या बैटरी बैकअप सिस्टम का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको मौसम के उतार-चढ़ाव की ज्यादा चिंता नहीं करनी पड़ेगी।