घर के लिए सोलर सिस्टम खरीदते समय लोग करते है ये 5 गलतियाँ 

आजकल हर कोई बढ़ते बिजली बिल और बार-बार की बिजली कटौती से परेशान है। ऐसे में सोलर सिस्टम एक शानदार समाधान बनकर उभरा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सही सोलर सिस्टम चुनना आसान नहीं है जितना दीखता है ?

लोग अक्सर जल्दबाज़ी या गलत सलाह में आकर ऐसा सिस्टम ले लेते हैं, जो उनकी ज़रूरतों के हिसाब से फिट नहीं बैठता। इसी को देखते हुए इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि कैसे आप परफेक्ट सोलर सिस्टम चुन सकते हैं 

पहली गलती 

अपनी जरूरत को समझे बिना सोलर सिस्टम खरीद लेना

बहुत से लोग सिर्फ इतना सोचते हैं कि बिजली का बिल कम करना है, और बिना कोई प्लानिंग या जानकारी लिए सोलर सिस्टम लगवा लेते हैं, लेकिन सोलर सिस्टम लगवाने से पहले आपको ये जानना ज़रूरी है कि आपकी बिजली खपत कितनी है और उसी हिसाब से सिस्टम का चुनाव कैसे किया जाए।

एक सामान्य अनुमान के अनुसार, अगर आपके घर का बिजली बिल ₹1000 तक आता है तो 1kW सोलर सिस्टम आपके लिए पर्याप्त होगा, और यदि आपका बिल ₹2000 से ₹3000 तक है, तो 2–3kW सिस्टम लेना सही रहेगा। वहीं, अगर आपके घर में ज्यादा बिजली से चलने वाले उपकरण जैसे AC, फ्रीज, वॉशिंग मशीन आदि हैं, तो 4–5kW या Hybrid सिस्टम की जरूरत पड़ेगी।

दूसरी गलती

सोलर सिस्टम का टाइप गलत चुनना

सोलर सिस्टम खरीदते समय दूसरी आम गलती यह होती है कि लोग अपने इलाके की जरूरतों के अनुसार सही सिस्टम का चुनाव नहीं करते। सोलर सिस्टम मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं: On-Grid, Off-Grid, और Hybrid।

On-Grid सिस्टम बिजली कटने पर काम नहीं करता, लेकिन अगर आपके यहां बिजली सप्लाई स्थिर है तो ये बिल को ज़ीरो तक ला सकता है। Off-Grid सिस्टम बैटरी के साथ आता है, जिससे बिजली कटने के बाद भी आपके घर की ज़रूरतें पूरी हो सकती हैं। Hybrid सिस्टम इन दोनों का कॉम्बिनेशन होता है, जो थोड़ा महंगा तो है लेकिन सबसे ज्यादा भरोसेमंद और सुरक्षित रहता है।

यदि आप किसी ग्रामीण क्षेत्र में रहते हैं या जहां बिजली कटौती आम बात है, तो Off-Grid या Hybrid सिस्टम आपके लिए सबसे उपयुक्त रहेगा।

तीसरी गलती

सिर्फ सस्ता देखकर घटिया प्रोडक्ट खरीद लेना

लोगों की तीसरी सबसे बड़ी गलती होती है  सिर्फ कीमत के आधार पर फैसला लेना। कई लोग कम कीमत देखकर लोकल और घटिया सोलर सिस्टम खरीद लेते हैं, लेकिन ये प्रोडक्ट जल्दी खराब हो जाते हैं और इनमें सर्विस सपोर्ट भी नहीं मिलता।

आपको हमेशा भरोसेमंद और नामी ब्रांड का सोलर सिस्टम लेना चाहिए। सोलर पैनल के लिए Vikram Solar, Waaree, Loom और Adani जैसे ब्रांड अच्छी मानी जाती हैं। वहीं इन्वर्टर के लिए Luminous, Microtek, Growatt और UTL जैसे ब्रांड्स पर भरोसा किया जा सकता है।

चौथी गलती

सब्सिडी और सरकारी योजना की जानकारी ना होना

भारत सरकार MNRE (Ministry of New and Renewable Energy) के माध्यम से On-Grid सोलर सिस्टम पर 30% से 40% तक की सब्सिडी देती है। लेकिन अफसोस की बात है कि बहुत से लोग इसके बारे में जानते ही नहीं हैं या जानकारी के अभाव में आवेदन ही नहीं करते।

आपको अपने राज्य की बिजली वितरण कंपनी (DISCOM) की वेबसाइट पर जाकर सब्सिडी के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होता है। इससे आपके सिस्टम की लागत काफी कम हो सकती है।

पांचवीं गलती

बिना रजिस्टर्ड इंस्टॉलर से सोलर सिस्टम लगवाना

कई लोग लोकल इंस्टॉलर से सोलर सिस्टम लगवा लेते हैं, जो शुरुआत में तो इंस्टॉलेशन कर देता है, लेकिन बाद में किसी भी प्रकार की सर्विस या सपोर्ट नहीं देता। इससे भविष्य में परेशानी हो सकती है, खासकर अगर सिस्टम में कोई खराबी आए।

इसलिए सोलर सिस्टम हमेशा MNRE Approved या अनुभवी इंस्टॉलर से ही लगवाएं, ताकि आप भविष्य में भी भरोसे के साथ उसकी सर्विस पा सकें।

निष्कर्ष

सोलर सिस्टम लगवाना सिर्फ खर्च नहीं, बल्कि एक लंबे समय का निवेश है। यदि आपने थोड़ी सी भी गलती कर दी, तो न सिर्फ पैसे का नुकसान होगा, बल्कि बिजली से जुड़ी समस्याएं भी बनी रहेंगी। लेकिन अगर आपने सही जानकारी के साथ समझदारी से फैसला लिया, तो आने वाले 20-25 साल तक आप लगभग मुफ्त बिजली का फायदा उठा सकते हैं।

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